इनपुट डिवाइस - Input Device
डाटा, प्रोग्राम, अनुदेश (Instructions) और निर्देशों (Com mands) को कम्प्यूटर में डालने के लिए प्रयोग की जाने वाली विद्युत यांत्रिक (Electromechanical) युक्ति इनपुट डिवाइस कहलाता है।
इनपुट यूनिट उपयोगकर्ता से डाटा और अनुदेश प्राप्त कर उसे डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है तथा प्रोसेसिंग के लिए प्रस्तुत करता है। चूंकि कम्प्यूटर केवल बाइनरी संकेतों (0 और 1 या ऑन और ऑफ) को समझ सकता है अतः सभी इनपुट डिवाइस इनपुट इंटरफेस (Input Interface) की मदद से डाटा व अनुदेशों को बाइनरी संकेत में बदलते हैं।
इस तरह, इनपुट डिवाइस के कार्य हैं-
(1) डाटा, अनुदेशों तथा प्रोग्राम को स्वीकार करना,
(ii) उन्हें बाइनरी कोड में बदलना
(iii) बदले हुए कोड को कम्प्यूटर सिस्टम को देना।
इनपुट डिवाइस के कुछ उदाहरण हैं-की-बोर्ड, माउस, ज्वास्टिक, प्रकाशीय पेन, रीडर आदि। स्कैनर, बार कोड रीडर, माइकर, पंचकार्ड
5. भंडारण यूनिट या मेमोरी (Storage Unit or Memory)
डाटा और अनुदेशों को प्रोसेस करने से पहले मेमोरी में रखा जाता है। प्रोसेस द्वारा प्राप्त अंतरिम और अंतिम परिणामों को भी मेमोरी में रखा जाता है।
इस प्रकार मेमोरी सुरक्षित रखता है.
(3) प्रोसेस के लिए दिये गये डाटा व अनुदेशों को
(ii) अंतरिम परिणामों (Intermediate results) को
(ii) अंतिम परिणामों (Final results) को
मेमोरी को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है-
(i) प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory): यह कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित इलेक्ट्रानिक मेमोरी है। इसकी स्मृति क्षमता कम जबकि गति तीव्र होती है। इसमें अस्थायी निर्देशों और तात्कालिक परिणामों को संग्रहित किया जाता है। यह अस्थायी (Volatile) मेमोरी है जिसमें कम्प्यूटर को ऑफ कर देने पर सूचना भी समाप्त पा हो हो जाती है।
डाटा तथा अनुदेशों को प्रोसेस करने से ठीक पहले प्राथमिक मेमोरी में अस्थायी रूप से रखा जाता है। अंतरिम परिणामों तथा प्राप्त आउटपुट को प्रदर्शित करने से पहले प्राथमिक मेमोरी में स्टोर किया जाता है।
सेमीकण्डक्टर रजिस्टर (Registers), कैश (Catche), रॉम (ROM) तथा रैम (RAM) प्राथमिक मेमोरी के उदाहरण हैं। इनमें रजिस्टर या कैश मेमोरी सीपीयू या माइक्रोप्रोसेसर के भीतर बने होते हैं, जबकि ROM तथा RAM मदरबोर्ड पर लगे होते हैं। सीपीयू का सीधा संपर्क कैश मेमोरी से ही होता है।
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