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Saturday, January 18, 2025

परिवार कल्याण का अर्थ

 परिवार कल्याण का अर्थ

परिवार एक ऐसी इकाई है जहाँ व्यक्ति को बहुत अधिक संतोष की प्राप्ति होती है तथा इसी पारिवारिक इकाई में बालक के व्यक्तित्व का विकास होता है। परिवार में ही स्त्री और पुरुष अपनी शारीरिक तथा मानसिक इच्छाओं की पूर्ति करते हैं. जहाँ बच्चें का लालन-पालन किया जाता है, उन्हें शिक्षा प्रदान की जाती है और जहाँ इसके सदस्य रहने आश्रय का स्थाना और भोजन-वस्त्र प्राप्त करते हैं। जब कोई परिवार का सदस्य अस्वस्थ हो जाता है या परिवार की कोई स्त्री गर्भवती होती है तो ऐसे समय में परिवार इन सदस्यों की देखभाल करता है। 

परिवार में अत्यधिक प्रेम व स्नेह का साम्राज्य रहता है। पारिवारिक जीवन का अपना महत्व है और यह इस संस्था से अलग नहीं प्राप्त हो सकता। अतः सदस्यों के लिए परिवार के स्वयं के मूल्यों एवं महत्ता के लिए यह जरूरी है कि पारिवारिक जीवन की रक्षा के साथ ही साथ इसको सुपुष्ट बनाया जाय। वे सामाजिक संस्थाएं जो पारिवारिक कल्याण सेवायें प्रदान करती है, उनका उद्देश्य स्वस्थ पारिवारिक जीवन को बनाए रखना है।

वर्तमान भारत में राष्ट्र की बहुमुखी समस्याओं का समाधान केवल जनसंख्या को नियन्त्रित करके ही प्राप्त किया जा सकता है। जनसंख्या का नियन्त्रण केवल दो कारकों पर आधारित है-पहला जन्म दर तथा दूसरा मृत्यु दर। वास्तव में कोई भी प्रबुद्ध मानव मृत्यु-दर की वृद्धि का पक्षपात नहीं करेगा। मृत्यु दर का कम होना तो वरदान स्वरूप है तथा प्रत्येक समाज एवं राष्ट्र चाहता है कि मृत्यु दर में कमी आये। अतः इस स्थिति में स्पष्ट है कि जनसंख्या में वृद्धि को रोकने के लिए जन्म दर को ही घटाना होगा। बच्चों का जन्म परिवार में होता है। 

अतः बच्चों के जन्म को नियन्त्रित करने के लिए परिवार का नियोजन करना होगा। परिवार के नियोजन की प्रक्रिया को ही अब परिवार कल्याण कहा गया है।


 परिवार कल्याण से तात्पर्य है कि 'परिवार के समस्त सदस्य उत्तम जीवन व्यतीत करें तथा उत्तम जीवन व्यतीत करने के लिए नियोजित उपाय की आवश्यकता है। हमारे देश में मुख्य समस्या जनसंख्या की अधिकता है, अतः परिवार कल्याण के लिए सर्वाधिक आवश्यक है-परिवार को छोटे परिवारों के प्रति जागरूक करना तथा इसका प्रमुख उद्देश्य जनसंख्या को सीमित रखना है। चूँकि परिवार नियोजन व परिवार कल्याण एक जटिल एवं बहुमुखी योजना है, जिसके अन्तर्गत परिवार से सम्बन्धित विभिन्न कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से लागू करने की व्यवस्था होती है।


परिवार कल्याण के कार्यों में, यौन शिक्षा, स्वास्थ्य में वृद्धि, शिशु कल्याण तथा मातृत्व-कल्याण तथा अन्य परिवार सम्बन्धी सुविधाओं को उपलब्ध कराना है। लेकिन वर्तमान भारत की प्रमुख समस्या जनसंख्या वृद्धि को रोकना है। इस प्रकार कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि परिवार कल्याण के लिए परिवार नियोजन एक आवश्यक शर्त है। प्राचीन अंधविश्वासों के अनुसार, बच्चों के जन्म को ईश्वर की अनुकंपा माना जाता था, लेकिन वर्तमान वैज्ञानिक खोजों एवं चिकित्साशास्त्रों की प्रगति के परिणामस्वरूप यह अंधविश्वास असत्य सिद्ध हो चुका है। अतः अब बच्चों के जन्म को कृत्रिम रूप से टाला जा सकता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अपनी इच्छा से कम बच्चों को जन्म देना तथा परिवार के आकार को सीमित रखना ही परिवार कल्याण है।


 राज्य और परिवार कल्याण की सेवायें-


परिवार कल्याण की संस्थाओं को अधिक अनुदान देकर, राज्य सरकारें परिवार कल्याण को बढ़ावा देती हैं। जिसमें परिवार नियोजन केन्द्रों में प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करके, आवश्यक कानून बनाकर, विवाह के लिए आयु सीमा बढ़ाकर, समाज शिक्षा के कार्यक्रमों को गाँव-गाँव में पहुँचाकर, चलाकर तथा उन संस्थाओं को मजबूत बनाकर जो परिवार-कल्याण का कार्य करती हैं, आदि सम्मिलित हैं।

परिश्चमी देशों की तुलना में हमारे देश में परिवार कल्याण सेवाओं की संस्थायें बहुत कम हैं। फिर भी कुछ ऐसे सरकारी और गैर सरकारी संस्थायें हैं, जो विशिष्ट वर्गों को परिवार कल्याण सेवायें प्रदान करती हैं।


इनमें पांच प्रकार की संस्थायें है-,

(1) वे सस्थायें जो कि नागरिक क्षेत्रों की मध्य वर्ग तथा निम्नवर्ग की महिलाओं के लिए आर्थिक कार्यक्रम चलाती है।

(2) विवाह सलाहाकार समितियां।

(3) ग्रामीण क्षेत्र में एकीकृत ग्राम विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत विस्तृत सेवाएँ आयोजित सम्बंधित संस्थायें।

(4)  परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत विस्तृत सेवाएँ आयोजित सम्बंधित संस्थायें।

(5) सामुदायिक स्तर पर संगठित स्वयंसेवी।


FAQ

Q. परिवार कल्याण क्या है?

A. परिवार कल्याण में न केवल जन्म की योजना बनाना शामिल है, बल्कि संपूर्ण परिवार स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से पूरे परिवार का कल्याण भी शामिल है । 

Q. परिवार कल्याण का प्रतीक क्या है?

A. हमारे देश में परिवार कल्याण का प्रतीक क्या है? भारत में, उल्टा लाल त्रिभुज परिवार की खुशहाली का प्रतीक बन गया है।


निष्कर्ष

परिवार कल्याण से तात्पर्य है कि 'परिवार के समस्त सदस्य उत्तम जीवन व्यतीत करें तथा उत्तम जीवन व्यतीत करने के लिए नियोजित उपाय की आवश्यकता है। हमारे देश में मुख्य समस्या जनसंख्या की अधिकता है, अतः परिवार कल्याण के लिए सर्वाधिक आवश्यक है-


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