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Wednesday, November 13, 2024

अंटार्कटिका महाद्वीप - antarctica continent

अंटार्कटिका महाद्वीप

अंटार्कटिका शब्द यूनानी भाषा के शब्द 'अंटार्कटिक' का रोमन रूप है, जिसका अभिप्राय है-'आर्कटिक के विपरीत।' क्षेत्रफल की दृष्टि से अंटार्कटिका विश्व का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसका क्षेत्रफल यूरोप से लगभग 1.3 गुना ज्यादा है।




 अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे ठंडा एवं शुष्क महाद्वीप है, जहां तेज बर्फीली हवायें निरंतर प्रवाहित होती रहती हैं। यहां मानव आवास की संभावना नहीं है तथा यहां अति शीत वातावरण में पाये जाने वाले पौधे एवं जीव-जंतु ही पाये जाते हैं। यहां पाये जाने वाले जंतुओं में पेंगुइन, फर सील, मोजेज, लाइकेंस तथा विभिन्न प्रकार के शैवाल हैं। इस महाद्वीप में विश्व के कुल हिम का 90 प्रतिशत उपस्थित है तथा विश्व के कुल ताजे पानी का लगभग 70 प्रतिशत यहां पाया जाता है। इसे 'श्वेत महाद्वीप' के नाम से भी जाना जाता है।

170 मिलियन वर्ष पूर्व अंटार्कटिका, गोंडवाना उप-महाद्वीप का भाग था। आज से लगभग 25 मिलियन वर्ष पूर्व गोडवाना उप-महाद्वीप से अंटार्कटिका अगल हो गया था। इस महाद्वीप के संबंध में सबसे पहले टाल्मी नामक भूगोलवेत्ता ने लगभग प्रथम शताब्दी ईस्वी में विचार प्रस्तुत किया था। टाल्मी के अनुसार, टेरा आस्ट्रेलिस नामक यह स्थान पृथ्वी के सुदूर दक्षिण में स्थित स्थान है। 16वीं शताब्दी के तुर्की के पिरी रेजी मानचित्र में इस महाद्वीप की एक पृथक भू-स्थल के रूप में परिकल्पना की गयी थी।

 17 शताब्दी में अन्वेषकों ने इतना अवश्य ज्ञात कर लिया था कि दक्षिण अमेरिका एवं आस्ट्रेलिया इस विशाल शीतित क्षेत्र के भाग नहीं है तथा यह भू-क्षेत्र अनुमान से भी काफी बड़ा है। 17 जनवरी, 1773 को सबसे पहले कैप्टन जेम्स कुक ने पहली बार अंटार्कटिका वृत्त को पार किया। इसके बाद 1774 में पुनः कुक ने अपनी यात्रा दोहरायी। अंटार्कटिका के संबंध में निश्चित प्रमाण तीन साहसिक अन्वेषकों के एक दल ने सर्वप्रथम 1820 में दिये। इस दल में फेबियन गोटिलेब वान बेलिंगसासेन, एडवर्ड ब्रांसफील्ड एवं नैथनील पामर शामिल थे। 


नवंबर 1820 में पुनः वॉन बेलिंगसासेन ने अपने एक अन्य साथी मिखाइल पेट्रोविच लाजारेव के साथ अंटार्कटिका में 32 किलोमीटर की यात्रा की तथा उसकी मुख्य भूमि तक पहुंचे। यद्यपि अंटार्कटिका की धरती पर पहली बार कदम रखने का प्रामाणिक श्रेय एक अमेरिकी अन्वेषक जॉन डेविस को दिया जाता है, जिन्होंने 7 फरवरी, 1821 को अंटार्कटिका पर कदम रखा।

वर्ष 1838-1842 के बीच अमेरिकी अन्वेषकों ने कई बार इस महाद्वीप की यात्रा की। 1841 में कैप्टन जेम्स क्लार्क रोज ने यहां आकर रोज सागर एवं रोज द्वीप समूह की खोज की। 1989 में बोर्चरिविक के नेतृत्व में एक अभियान दल ने यहां सर्दी का मौसम बिताया।


 ओटो नारडस्कोल्ड ने 1901 से 1904 के बीच कई बार यहां की यात्रा की तथा पूर्वी तटों का सीमांकन किया। 1908 में टी. डब्ल्यू. ई. डेविस ने पहली बार इरविस पर्वत पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की। 1909 में शेकल्टन ने रास आईस शेल्फ तथा बियर्डमार ग्लेशियर को पार किया। 20 अक्टूबर, 1911 को नॉर्वे के खोजी अन्वेषक रोल्ड एमंडसेन वेल्स की खाड़ी होते हुये दक्षिणी ध्रुव पर पंहुचने वाले प्रथम यात्री बने लेकिन दुर्भाग्यवश एक दुर्घटना में उनका एवं उनके सहयोगियों का निधन हो गया।

FAQ

Q. अंटार्कटिका महाद्वीप में कौन सा देश शामिल है?

A. उत्तर एवं स्पष्टीकरण: अंटार्कटिका में कोई देश नहीं है।

Q. अंटार्कटिका में देशों की संख्या कितनी है?

A. अंटार्कटिका कुल क्षेत्रफल के मामले में पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। (यह ओशिनिया और यूरोप दोनों से बड़ा है।) अंटार्कटिका एक अनोखा महाद्वीप है क्योंकि इसमें कोई मूल मानव आबादी नहीं है। अंटार्कटिका में कोई देश नहीं है।

निष्कर्ष 


1930 से 1940 के मध्य रिचार्ड एवलिन बायर्ड ने कई बार इस महाद्वीप की यात्रा की एवं यहां कई अनुसंधान भी किये। 31 अक्टूबर, 1956 को अमेरिका के एक नौसैनिक दल ने, जिसका नेतृत्व रियर एडमिरल जे. ड्यूफेक कर रहे थे, सफलतापूर्वक अपना विमान यहां उत्तारा। भारत की ओर से यहां सबसे पहले पहुंचने वाले जीएस सिरोही थे। जिसके सम्मान में सिरोही स्थल नाम रखा गया। 

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